नगर पालिका बोर्ड चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज
बिजयनगर व गुलाबपुरा नगर पालिका बोर्ड चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। दावेदार ने अपने समर्थकों के साथ पार्टी सिम्बल पाने के लिए पूरा जोर लगा दिया है। राजनीतिक दल ने वार्ड से प्रत्याशी के नाम का खुलासा नहीं किया है। नामांकन के आखिरी घंटे में प्रत्याशी के नाम पर मुहर लगाई जा सकती है। ऐसे में पार्टी सिम्बल के लिए टकटकी लगाए दावेदारों को निराशा हाथ लगी तो उनके बागी होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता। नगर पालिका बोर्ड चुनाव पर खारीतट संदेश की यह खास रिपोर्ट
बिजयनगर। (खारीतट सन्देश) बिजयनगर व गुलाबपुरा नगर पालिका बोर्ड चुनाव को लेकर सियासी बिसात अब बिछने लगे हैं। दोनों कस्बे के 35-35 वार्डो के इच्छुक दावेदार पालिका परिसर और उपखंड कार्यालय एवं बिजयनगर के रिटर्निंग कार्यालय के लगातार चक्कर लगा रहे हैं। पालिका परिसर में दावेदार एनओसी के लिए आवेदन कर जल्द एनओसी प्राप्त करने की जुगत में लगे हुए हैं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो इस बार दोनों ही कस्बों के पालिका चुनाव रोमांचक होने वाले हैं। इसके पीछे वजह यह बताई जा रही है कि दोनों जगहों पर इस बार 10-10 वार्ड बढ़ चुके हैं। जाहिर है कि इससे दावेदारों की संख्या में बढ़ोतरी होगी।
क्षेत्रवासियों के मुताबिक इस बार के चुनाव में जो पूर्व में खड़े हो चुके जनप्रतिनिधि थे वो भी अपने लिए सुरक्षित जगह तलाशने में लगे हुए हैं। दावेदारों के अनुसार दोनों ही जगह पार्टी टिकट चाहने वाले कई दावेदारों को बार-बार पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। क्योंकि दोनों ही कस्बों के मुख्य दलों ने समाचार लिखने तक अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। सियासी बिसात के जानकारों का मानना है कि कई दावेदार ऐसे भी हैं जिन्हों दो-दो आवेदन भरकर तैयार कर रखे हैं। ऐसे में यह कयास भी लगाया जा रहा है कि पार्टी यदि सिम्बल नहीं दे तो ऐन वक्त पर बगावती तेवर दिखाने से भी इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में नामांकन जमा कराने के आखिरी दिन शुक्रवार को दोनों ही कस्बे का राजनीतिक पारा चढऩे की संभावना है। साथ ही नामांकन जमा कराने के साथ ही यह भी साफ हो जाएगा कि कौन पार्टी प्रत्याशी है और कौन निर्दलीय। ऐसे में दोनों ही कस्बे के गली, मोहल्ले, बाजारों में चुनावी रणभेरी अपने चरम पर होगी।
असंतोष से बचने के लिए ऐनवक्तपर करेंगे प्रत्याशियों की घोषणा
पार्टी सूत्रों की मानें तो उनका कहना है कि सभी को खुश किया जा सके ऐसा संभव नहीं है। पार्टी आलाकमान के निर्देशानुसार वार्ड वार कार्यकर्ताओं से आवेदन पत्र ले लिए गए हैं जिनको चयन समिति के पास भिजवा दिया गया है। अब किस वार्ड से कौन प्रत्याशी होगा यह तो चयन समिति ही बता पाएगी। इस बात से स्पष्ट होता है कि नामांकन के आखिरी दिन सूची घोषित करना पार्टी में बगावती तैवर पर काबू करने का एक पैतरा है। इसलिए पार्टी प्रत्याशियों के चयन के लिए इतना समय लगा रही है।
निर्दलीयों ने भरी हुंकार
बिजयनगर गुलाबपुरा में दोनों मुख्य दल भाजपा और कांग्रेस द्वारा अपने प्रत्याशियों को लेकर कोई अधिकारिक निर्णय नहीं लेने की वजह से कई ऐसे दावेदार जिन्हें अब आभास होने लगा कि हमे पार्टी शायद ही टिकट दे। ऐसे में वो दावेदार अब निर्दलीय के रूप में अपनी दावेदारी जता रहे है। ऐसे में दोनों कस्बों में निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या बढऩे की प्रबल संभावना है और यह निर्दलीय वार्डों में पार्टी सिम्बल वालों की वोटों की गणित बिगाडऩे की पूरी कोशिश करेंगे।
टिकट के लिए आश्वस्त हो कर दिया प्रचार
दोनों पार्टियों द्वारा चुनावी कार्यक्रम के तहत कार्यकर्ताओं की बैठक लेने के बाद कुछेक ऐसे दावेदार भी देखे गए जो सोशल मीडिया पर अपने-अपने पार्टी सिम्बल का बैनर पोस्टर बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इससे दूसरे दावेदार पार्टी से टिकट न कट जाए इसलिए निरन्तर पदाधिकारियों के सम्पर्क में बने हुए हैं।
पैराशूट उम्मीदवारों को करना होगा विरोध का सामना
जैसे-जैसे चुनावी तारीख नजदीक आ रही है वैसे ही वार्डों में चुनावी जाजम जमना शुरू हो चुकी है। ऐसे में कई गली-मोहल्ले में वार्डवासी बैठकें कर बाहरी उम्मीदवार के खिलाफत के मूड में है। ऐसे में पैराशूट दावेदारों को वार्डवासियों के विरोध का भी सामना करना पड़ेगा।
वार्डवासियों के हस्ताक्षरित पत्र सौंपकर जताई दावेदारी
पार्टी कार्यालय द्वारा इच्छुक कार्यकर्ताओं से आवेदन मांगने पर कई वार्डों में दावेदारों ने वार्ड में घूम-घूमकर लोगों से प्रार्थना पत्र पर हस्ताक्षर करवा अपने समर्थन में वार्डवासियों का हस्ताक्षरित पत्र बता टिकट की मांग की है।
सामाजिक संगठनों की बैठकें बनी चिंता का विषय
चुनावी माहौल में दोनों ही शहरों में होने वाली कई समाजों की बैठकें और उनकी चर्चा भाजपा और कांग्रेस की बैचेनी बढ़ा रही है। समाज के पदाधिकारियों का कहना है कि दोनों ही पार्टी यदि हमारे समाज को नजरअंदाज करती है तो समाज यह बात कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।
एनओसी व चरित्र प्रमाण के लिए लगाए चक्कर
दोनों कस्बों के दावेदार एनओसी के लिए पालिका कार्यालय के सम्बंधित बाबू और चरित्र प्रमाण पत्र के लिए थाना परिसर के चक्कर लगाते दिखाई दिए। हालांकि थाना परिसर में तो भीड़ नहीं दिखाई दी लेकिन पालिका कार्यालय में एनओसी देने वाले बाबू के यहां दावेदारों की खासा भीड़ दिखाई दी।